आज़ादी मिली
देश बंटा
लाहौर मिला पाकिस्तान को
अब नयी राजधानी
चाहिए थी पंजाब को
चाचा नेहरू का सपना
आधुनिक नगर हो अपना
जो तोड़ दे ग़ुलामी की ज़ंज़ीर
लिखे नवभारत की उज्वल तकदीर
ली कार्बूजियर की रूप-रेखा
वो खुले हाथ का चिन्ह देखा
जो है देने को तत्पर
कोई सामाजिक बुराई
हावी न हो इस पर
और ये तो चण्डी का गढ़ है
हाँ भाई
चण्डीगढ़ है
चण्डीगढ़ में रहते हैं और आपके पास साइकिल है तो इससे अधिक एक घुमंतू प्राणी को और क्या चाहिए ? चौड़ी सड़कें हैं, हरियाली है और है स्वतंत्र जिजीविषा ! चलिए फिर भी अगर आप चण्डीगढ़ में साइकिल ट्रैक पर साइकिल चला-चला के और पार्कों के चक्कर लगा-लगा के ऊब गए हों और आपको अपनी फिटनेस पर शक नहीं है तो ये स्थान आप ही के लिए हैं :
1. पड़छ डैम
चण्डीगढ़ से 15 km दूर है और शहर की भागदौड़ से निकलने के लिए अच्छा शाँत स्थान है | चण्डीगढ़ से आधे घण्टे में यहाँ पहुंचा जा सकता है | अगर डैम में पानी कम हो तो थोड़ी ऑफरोडिंग करके दूसरी तरफ भी पहुँचा जा सकता है |
2. जैंती डैम
चण्डीगढ़ से 12 km दूर है | प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर शाँत एवं एकांत भरा स्थान है | यहाँ सूर्योदय का नज़ारा देखते ही बनता है | अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तो यहाँ नाचता हुआ मोर भी दिखाई दे सकता है |
आप दोनों डैम एक साथ भी देख सकते हैं, पहले जैंती डैम जाईये फिर वहां से पड़छ डैम और फिर नयागांव होते हुए वापिस चण्डीगढ़ आ सकते हैं |
3. सिसवां डैम
चण्डीगढ़ से 20 km दूर है | आखिर में थोड़ी चढ़ाई है जो सफ़र का अंत अच्छे अंदाज़ में करेगी | लंबी यात्रा की ट्रेनिंग शुरू करने के लिए एक अच्छी जगह है |
4. सुखना परिक्रमा
चण्डीगढ़ गोल्फ कोर्स से शुरू कीजिए फिर सुखना झील की पिछली तरफ (किशनगढ़) वाले रास्ते से सुकेतडी होते हुए ख़ुडा अलीशेर से नयागांव (मैप देखें) और फिर वापिस चण्डीगढ़; ये परिक्रमा पथ कुल 17 km लंबा है | ये रास्ता आपको शहर से गांव में, फिर पहाड़ों में और आखिर में वापिस शहर में ले आयेगा |
5. चण्डीगढ़-नयागांव-पिंजोर-पंचकुला-चण्डीगढ़ परिक्रमा
कृप्या रोज़ साइकिल चलाने वाले या फिट लोग ही इस रास्ते पे जाएं | चण्डीगढ़ से नयागांव आप शहर में साइकिल चलाएंगे | नयागांव से करोरां रोड़ शुरुआत में आपको गांव का एहसास दिलाएगा उसके आगे पटियाला की राव (नदी) के रेत पर आप ऑफरोडिंग करेंगे | करोरां रोड़ के आखिर में आपको तीखी चढ़ाई मिलेगी फिर ये रास्ता नालागढ़-बद्दी हाईवे से मिल जाएगा | वहां से दाहिने हाथ पिंजोर की तरफ हो जाईये | पिंजोर पहुँच कर सड़क किनारे गन्ने का जूस पीजिये थकान मिटाइये और फिर हिमालयन एक्सप्रेसवे से चण्डीगढ़ की तरफ हो जाएं | यादवेंद्रा गार्डन से थोड़ा आगे कौशल्या डैम आएगा वहां आराम करिये और फिर वापिस चण्डीगढ़ आ जाईये | ये रास्ता कुल 50 km लंबा है, आपकी साइकिलिंग की उस्तादी का हर दांव पूरी तरह परखेगा |
ये सभी रास्ते आपका अच्छा इम्तिहान लेंगे इसलिए अपने साथ पर्याप्त पानी ले जाना न भूलें | सभी स्थान फोटोग्राफी के लिए शानदार हैं, कैमरा जरूर ले जाएं |
मंज़िल क्या है ?
चंद लम्हों का ठहराव
मेहनत का फल
या कोई अदभुत नज़ारा
देखो, समझो और जानो
आखिर है क्या ये खेल सारा ?
मंज़िल क्या है ?
पथिक कि थकान
सम्मान का गुमान
झूठा अभिमान
या जोश की उड़ान
नाकामयाबी का कथन
कि लौट के आऊंगा मैं दोबारा
आखिर है क्या ये खेल सारा ?
मंज़िल क्या है ?
एक अनुभूती ख़ुशी की
शुरुआत वापसी की
चलो चलें अब अपने घर यारा
आखिर है क्या ये खेल सारा ?
अत्यधिक खूबसूरत प्रस्तुति
ReplyDeleteवाह जी वाह...!!!
ReplyDeleteबहुत बढिया....
Achchhi jaankaari
ReplyDeleteजी सबका बहुत-बहुत शुक्रिया
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