हो चूड़ी देवा शिरगुला भोला शंकरा रूपा
हो भोला शंकरा रूपा शिरगुला
हो देवा शंकरा दा रूपा
(चूड़धार के देवता शिरगुल जी भोलेशंकर स्वरूप हैं )
हो देखणे जो शिवलिंग तेरो
चूड़ी रे देवा बोलो
भूमतो प्रकट चूड़ीधरो
क़ुदरते दी माया
(चूड़धार में स्वयं-भू-प्रकट शिवलिंग कुदरत की माया है )
मारे देवा शिरगुला देवा
जयकारा जयकारा तेरी
कौरा तेरी
कौरा हमो सौबी
जयकारा...........
( मेरे देवता शिरगुल जी तुम्हारी जय हो
तुम्हारी कृपा पाने के लिए हम सब तुम्हारी यात्रा पे आये हैं )
कहते हैं कि एक चित्र हज़ार शब्दों से बेहतर है | इसी तर्ज़ पर आज आपको चूड़धार (जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश) कि चित्र यात्रा करवाते हैं | यात्रा वृतांत जल्द ही.....................
पिछले साल गुरूजी द्वारा यहीं से एक फोटो ली गयी थी जो बाद में हिमाचल ग्रामीण बैंक की कैलेंडर फोटो बनी | मेरी यह तस्वीर उनको ही समर्पित है, जिन्होंने मुझे ट्रेकिंग के सही मायने समझाए |
रास्ते में आने वाले सरे ढ़ाबे ध्वस्त कर दिए गए हैं | अब शुरुआत और अंत में ही खाने का इंतज़ाम है | रास्ते में पानी के काफी प्राकृतिक स्त्रोत हैं अपने साथ 1 लीटर की बोतल ले जाएं, काम चल जाएगा |
यात्रा वृतांत कुछ ही दिनों में............
अत्यधिक सुंदरता से भरे चित्र
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