Wednesday 26 October 2016

चूड़धार चित्र यात्रा


हो चूड़ी देवा शिरगुला भोला शंकरा रूपा
हो भोला शंकरा रूपा शिरगुला 
हो देवा शंकरा दा रूपा
(चूड़धार के देवता शिरगुल जी भोलेशंकर स्वरूप हैं )
हो देखणे जो शिवलिंग तेरो 
चूड़ी रे देवा बोलो
भूमतो प्रकट चूड़ीधरो 
क़ुदरते दी माया 
(चूड़धार में स्वयं-भू-प्रकट शिवलिंग कुदरत की माया है )  
मारे देवा शिरगुला देवा  
जयकारा जयकारा तेरी 
कौरा तेरी 
कौरा हमो सौबी
जयकारा...........
( मेरे देवता शिरगुल जी तुम्हारी जय हो 
तुम्हारी कृपा पाने के लिए हम सब तुम्हारी यात्रा पे आये हैं )

कहते हैं कि एक चित्र हज़ार शब्दों से बेहतर है | इसी तर्ज़ पर आज आपको चूड़धार (जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश) कि चित्र यात्रा करवाते हैं | यात्रा वृतांत जल्द ही..................... 


पिछले साल गुरूजी द्वारा यहीं से एक फोटो ली गयी थी जो बाद में हिमाचल ग्रामीण बैंक की कैलेंडर फोटो बनी | मेरी यह तस्वीर उनको ही समर्पित है, जिन्होंने मुझे ट्रेकिंग के सही मायने समझाए |

रास्ते में आने वाले सरे ढ़ाबे ध्वस्त कर दिए गए हैं | अब शुरुआत और अंत में ही खाने का इंतज़ाम है | रास्ते में पानी के काफी प्राकृतिक स्त्रोत हैं अपने साथ 1 लीटर की बोतल ले जाएं, काम चल जाएगा | 















यात्रा वृतांत कुछ ही दिनों में............ 

1 comment:

  1. अत्यधिक सुंदरता से भरे चित्र

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